लोगों की राय

लेखक:

रेखा मोदी

रेखा मोदी : स्त्री-इतिहास विशेषज्ञ, सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता, कलाओं की पारखी एवं लेखिका। कार्यक्षेत्र सार्क देशों तक विस्तृत है। इनका विश्वास है कि स्त्रियों की पूर्ण भागीदारी एवं उनकी सक्रिय भूमिका समाज को सशक्त करती है।

श्रीमती मोदी का जन्म 1955 में मोदी नगर के औद्योगिक परिवार में हुआ। उनकी शिक्षा श्रमिकों के बच्चों के साथ मोदी नगर में, और आदिवासियों के बच्चों के साथ ग्वालियर में हिन्दी माध्यम से हुई थी। ज़मीन से जुड़ी होने के कारण अपनी माता श्रीमती दयावती मोदी से प्रेरित होकर उन्होंने 1984 में दिव्य छाया ट्रस्टकी स्थापना की। यह संस्था निम्न आय वर्ग की कम्यूनिटी के साथ काम कर रही है। इनकी दूसरी संस्था ‘स्त्री शक्ति : द पैरलल फ़ोर्स’ - 1998, स्त्री सशक्तिकरण को लेकर सक्रिय है जो आधुनिक युग की स्त्रियों को स्त्री के इतिहास को जानने के लिए प्रेरित करती है। इस सन्दर्भ में विदुषी विद्योत्तमा को भी प्रकाश में लाया जाएगा, जोकि सिर्फ कालिदास की प्रेरणा ही नही थीं बल्कि अभिन्न रचयिता थीं।

डॉ. कमल किशोर मिश्र : सहायक प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता। कार्यक्षेत्र : सांस्कृतिक राजनयिक के रूप में संस्कृत की ऐतिहासिक परम्परा, प्राचीन अभिलेख, पुरालिपि, पाण्डुलिपि, भारतीय डायस्पोरा और सांस्कृतिक मनोविज्ञान है। अनेक राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित डॉ. मिश्र, स्त्री शक्ति : द पैरलल फोर्स, कलकत्ता के मानद सदस्य भी हैं। प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ :  ‘नटराज ब्रह्मांड का दिव्य नर्तन’, ‘महाभारत में आत्म-तत्त्व : भारतीय आख्यान परम्परा के सन्दर्भ में’, ‘प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था’, ‘कला, स्थापत्य और शिल्प : श्रीरघुनाथ मन्दिर, जम्मूतथा ‘भारत-फिजी : स्मृतियाँ। सन् 2009 से 2013 तक सांस्कृतिक राजनयिक के रूप में, पूर्व निदेशक, भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र, भारत का उच्चायोग, फिजी से सम्बद्ध। इसके माध्यम से भारत की शिक्षा और सांस्कृतिक सामथ्र्य को चार वर्षों तक निरन्तर विस्तार दिया है । 

प्रो. रिमी बी. चटर्जी : अंग्रेज़ी विभाग, जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता। उपन्यासकार एवं लेखिका ।

पूर्वा याज्ञिक कुशवाहा : अनुवाद का दीर्घ अनुभव।

अस्तित्व की खोज भारतीय इतिहास की महत्त्वपूर्ण स्त्रियाँ

रेखा मोदी

मूल्य: $ 24.95

  आगे...

 

   1 पुस्तकें हैं|